बेटे का हाथ टूटने के बाद दर्द से तड़पता देख निकले पिता के आंसू, पीठ पर लाद 13 किमी चले पैदल

हरदोई में लॉकडाउन का असर सबकी जिंदगी पर पड़ रहा है, लेकिन पचकोहरा निवासी गिरीश चंद्र पर लॉक डाउन ऐसी मुसीबत बनकर आएगा यह उन्होंने कभी सोचा नहीं था। चोट खाए बेटे को वह 13 किलोमीटर तक पीठ पर लादकर धूप में चलते रहे।


दूर-दूर तक कोई वाहन नहीं था। जो निकले भी कोरोना के डर से उन्होंने दूरी बना ली। साढ़े तीन घंटे चलने के बाद वह जिला अस्पताल पहुंचे। बेटे को डॉक्टर को दिखाया। उसका बायां हाथ टूटा पाया गया।

किसान गिरीश के अनुसार शुक्रवार सुबह खेलते समय सात साल के बेटे प्रांशु का बायां हाथ मुड़ गया। वह असहनीय दर्द से कराहने लगा। दर्द इतना था कि प्रांशु बैठ नहीं पा रहा था। इधर अस्पताल ले जाने के लिए उसने कई वाहन चालकों से बात की लेकिन लॉकडाउन के चलते सबने मना कर दिया।

बेटे को दर्द में तड़पता देख उसने प्रांशु को पीठ पर लादा और जिला अस्पताल की ओर चल दिया। पचकोहरा से अस्पताल लगभग 13 किलोमीटर दूर है। रास्ते में कुछ वाहन मिले भी लेकिन चालकों ने कोरोना के डर से नहीं बैठाया।

सिनेमा चौराहे पर पुलिस भी मिली लेकिन मदद के बजाए हमदर्दी दिखाकर उसे जाने दिया। जैसे तैसे वह जिला अस्पताल पहुंचा यहां सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू होने के कारण बच्चे को प्राथमिक इलाज मिला। इसके बाद बेटे को वह प्राइवेट अस्पताल ले गया।